Monday, September 8, 2008

भाइयो में २६ को बोकारो आ रहा हूँ । बोकारो की याद तो बहुत आती है पर क्या करू मन को मार के ही कुछ पाया जा सकता है ।

Monday, March 10, 2008

meri kahani



में देबू महता हूँ । ये मेरी कहानी है में झारखण्ड राज्य के बोकारो जिले के छोटे से गांव मानपुर का निवासी हूँ । जिसने अपने जीवन का १५ साल बोकारो स्टील सिटी में कटा । मेरी प्रारंभिक शिक्षा बी एस एल स्चूल ९ में की । में सुरु से ही एक अबोवे एवरेज स्तुदेंत रहा हूँ जो एक अच्छा लीर्नेर रहा हूँ । में कोई भी चीज बहूत ही जल्द समझ जाता हूँ । में बहुत ही भाभुक हूँ । मेरी जिंदगी बहुत ही सरल है और में सीधा सदा जीवन गुजरने में बिस्वास रखता हूँ । इसलिए मेरे दोस्तो की संख्या बहुत ज्यादा होने के वावजूद अच्छे दोस्तो की संख्या बहुत ही कम है ।
में अपने जीवन में बहुत से ऐसे दौर से गुजर चुका हूँ की अब में जीवन के लगभग हर पहलू से रूबरू हो चुका हूँ । फिर दिल में इक्छा होती है की रोज कोई नई बातें सिखने को मिले ।
मेरी कहानी की सुरुवात होती है ०५/०२ /१९८५ दिन रविवार से जिस दिन में भगवन की किर्प्या से उस दुनिए से इस दुनिया में आया । मुझे अपने जीवन के पहले टिन साल टू याद नही परन्तु जबसे मुझे याद है टैब से में एक ही असुल पे जी रहा हूँ । simple living high thinking


आज भी मीसी सिधांत पर ही कम कर रहा हूँ । पर में अपने जीवन के लक्ष को नही समझ सका की में क्या बनू इस लिए मैंने कभी बी एस सी किया टू कभी एम् बीऐ के पीछे भाग रहा हूँ



मेरा परिवार


मेरे परिवार में कई सदस्य है करीबन १० अरब क्योकि संसार के सभी प्राणी मेरे परिवार के सदस्य है । हर परिवार के तरह मेरे भी माता पिता है । धरती मेरी माँ और पिता आस्मान क्योकि धरती माँ अपनी खून को ढूढ़ यानि भोजन बना के भी हमारा पालन करती है और पिता आसमान इसलिए है क्यो की उन्ही की छात्र छाया में हम अपना जीवन गुजरते है। और हर भाई बहन की तरह जब हम नासमझ होते है टू कभी धरम कभी जाट टू कभी देश के नाम पर एक दुसरे से लारते रहते है ।


मेरी पसंदीदा हस्तिया


हर किसी के जीवन में कोई न कोई पसंदीदा लोग होते है । मेरे भी जीवन में कई इसे लोग आए jinhone मुझे prerna दिया । inme से ऐसे कई लोग थे jinke लिए मेने दुनिया से पुन्गा भी लिया क्योकि जो आपके चहेते होते है छाहे वो आपसे मिले या नही मिले पर आप तन मन धन से उन्हें चाहते है । ऐसे ही कुछ हस्तियों के बरे में लिख रहा हूँ ।


मेरा प्यारा क्रिकेटर : महेंद्र सिंघ धोनी , सचिन तेंतुलकर ,ब्रेन लारा , कपिल देव और दोन ब्रैड में ।


मेरे प्यारे फिल्मी कलाकार : शाह रुख खान , दिलीप कुमार ,राज कपूर , अमिताभ बच्हन ।


मेरे प्यारे हॉकी खिलाड़ी : धनराज पिल्लै ,दिलीप तिर्की ।


मेरे प्यारे लीडर : श्री अटल बिहारी बज्पाई , सुभास चंद्र बोश , जय प्रकाश narayan।


मेरी प्यारी अभिनेत्री : काजोल ,मधुबाला , हेमा मालिनी ,विद्या बालन।



मेरी प्यारे संगीतकार :ऐ आर रहमान , जतिन ललित ,आर दी वेर्मन ।


मेरा पत्ता :


क्यू नो : २१५६ ,स्ट्रीट : २२, सेक्टर : ९ बी


बोकारो स्टील सिटी ( jharkhand )


पिन 827009


मेरा परिचय :


ये मेरे बरे में कुछ जानकारी


मैं: सूर्य कान्त महता


पिताजी : जे एल महता


बिग भइया : चंद्र शेखर महता


दादाजी :हराधन महता


ग्राम : मानपुर


थाना : चंद्न्क्यारी


जिला : बोकारो


सबसे प्रिय दोस्त : भुसन महता (राजीव)





अब कुछ जानकारी मेरे सहर बोकारो के बारे में ::::>>>


Bokaro Steel City (In Hindi: बोकारो स्टील सिटि) : बोकारो एशियाका सबसे बड़ा स्टील प्लांट है इसमे और भी कुछ छोटे छोटे प्लांट भी लगे हुए है ।यह बोकारो jile का jila mukhhayalay भी है साथ ही साथ सबसे बड़ा प्रखंड भी । इससे सत्ते जिले है धनबाद ,गिरिडीह ,रामगढ ,हजारीबाग तथा बंगाल का पुरुलिया जिला
यह छोटानागपुर पत्थर पर स्थित है। २० साल के अन्दर ही यह सहर एक तरह से आर्थिक केन्द्र बन गया है जहा देश के कोने कोने से आए लोग बसे हुए है । यह छोटे छोटे पहरियो से घिरा है ,इसकी जनसंख्या करीब १५ लाख से ज्यादा है ।


भौगोलिक स्थिति :
बोकारो भारत के पूर्वी हिस्से में 23°29′ ऊतर 86°09′ पूर्वी देशांतर के बीच बसा है। दामोदर नदी के दक्षिणी हिस्से में पारसनाथ की पहाड़ियों के बीच स्थित है।


भारतीय नियत समय"

इतिहास :


पहले वह छोटानागपुर जंगल के बिच एक छोटा सा गव मराफारी हुआ करता था । सामने का प्रखंड और सबसे सबसे सामने सहर पुरुलिया था । और ये कसिपुर के महाराज के अधीन था । ये मुग़ल ससको द्वारा रजा मानसिंग को दिया गया इसलिए इसका नमपारा था । वीरभूम और सिंघ्भुम परोसी स्थल भी उन्ही के नाम से यानि वीर मान सिंग । यह स्थान नजर में आया जवाहर लाल नेहरू के तभी उन्होंने यहाँ पहला स्वदेशी प्लांट बनाने की योजना बनाई जो की सोविएत रूस के मदद से पुरी हुई। कोयले लोह अयस्क ,मग्जेने और कचे मॉल के प्रयाप्त भंडार के चलते भी ये सम्भव हुआ ।२९ जनवरी १९६४ को ये सैल में सम्मिलित हुआ और तभी से ये बी एस एल नाम से जनि जाती है । पहला ब्लास्ट फेर्नानास 2 October 1972.में बना ।सबसे पहले कैंप eक और दो बना फिर सेक्टर ३ फिर सेक्टर II, IX, IV और फिर आगे के बने। सबसे पहला पब्लिक विद्यालय St. Xavier's School (Bokaro) जो बी एस एल के बुलावे पर हजारीबाग से आया ।१९८० से इसका काफी तेजी से विकाश हुआ। सहर में तेज़ी से चोतार्फा विकाश होना सुरु हओ गया ।बोकारो में कूल बारह सेक्टर है जिनमे से सेक्टर ७ और १०नहि है ।